अकबर खान राणा जी, हमेशा कुछ अच्छा करने की सोचते रहते हैं, करते रहते हैं, ऐसे ही एक सिलसिले की शुरूआत के लिये आप अपने दोस्तों विपिन चौधरी जी, प्रवीण शुक्ला जी और विनोद कुमार पांडेय जी के साथ कैराना आये, खान साहब मेरे कैराना ब्लाग और वेबसाइट के कारण पहले से परिचित थे, बकोल उनके वह मेरे कारण ही इधर आये हैं (धन्यवाद), सभी से बहुत सी बातें हुई, घूमना फिरना हुआ और आगे के लिये कुछ प्रोग्राम बने उसी दौरान कुछ अपने मोबाईल से फोटू ले लिये जो प्रस्तुत है, ऐसे महान विचारों के महनती दोस्तों का कैराना आना हमारे लिये बहुत बडी बात है, इसी जज्बे व खुशी में एक दो चित्र दे रहा हूँ , इससे अधिक तो शायद 'सीधी चोट' के प्रवीण शुक्ला जी लिखेंगे!
बायें सेः सलीम अखतर, विनोद जी, अकबर खान, कैरानवी, प्रवीण शुक्ला, विपिन चौधरी साहिबा, सुनिल कुमार साहब साथ में रियासत अली 'ताबिश' जी
बायें सेः नाम याद नहीं, विनोद कुमार पांडेय ,विनोद जी, अकबर खान जी, प्रवीण शुक्ला, विपिन चौधरी साहिबा, सुनिल कुमार साहब साथ में रियासत अली 'ताबिश' जी
दो धर्मों के प्रतीक पेडों (खजूर और पीपल) को एकसाथ देखकर एक चित्र उनके साथ
17 comments:
बहुत खूब, अकबर भाई और प्रवीण ने फ़ोन पर यह इत्तिला दी थी कि वह इतवार को आपसे मिलने गए हैं... बहुत खूब ग्रेट
बहुत खूब, अकबर भाई और प्रवीण भाई* ने फ़ोन पर यह इत्तिला दी थी कि वह इतवार को आपसे मिलने गए हैं... बहुत खूब ग्रेट
आपके कैराना में यह शिक्षा एवं जागरूकता का अभियान कामयाब रहे तो हमारे रूडकी को याद रखिये
good post
ब्लागिंग से ऐसे गांव देहात में जागरूकता का प्रयत्न सराहनीय है
हैरत की बात है सारे हिन्दूस्तान में इन्हें तुम्हारा गाँओ ही मिला था जहां तुम्हारे जैसे हों वहां जागरूकता की क्या आवश्यकता है
बुरा न सोचिये मजाक कर रहा था
रोचक अति सुन्दर
nice
Mr. Kairanvi इस इतवार को हम भी आपसे मिलना चाहेंगे कैराना प्रेस क्लब पर दोपहर में
@उमर भाई आप किसी भी अच्छे काम के लिए अच्छे लोगो को इकट्ठा करना खूब जानते हो आप साइबर गुरु के हमारे गुरु भी है
Anwar jamal ko kidhar chod diya apne
गिरि जी chod कहा है या chhod कहा है, जल्द ध्यान दें वरना अनवर साहब बुरा मान जायेंगे
Tarkeshwar Giri said...
Anwar jamal ko kidhar chod diya apne
माफ़ी चाहता हूँ , अंग्रेजी के चक्कर में गड़बड़ हुई है. मेरा लिखने का मतलब है की , अनवर जमाल की किधर छोड़ दिया है.
माफ़ी चाहता हूँ , अंग्रेजी के चक्कर में गड़बड़ हुई है. मेरा लिखने का मतलब है की , अनवर जमाल ko किधर छोड़ दिया है. और आप से निवेदन हा की पहले wala कमेंट्स को ख़त्म कर दे
चित्र में ब्लॉग साथियों को देख अच्छा लगा
Umar bhai.. bahut khushi mili dil ko apas me itna prem dekhkar.. aise hi taal-kadam milte rahen to yah desh jald se vikaassheel se viksit na ho jaaye..
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