कैराना। (2012) अन्जुमन दावत इलल हक़ के सहयोगी इदारे मकतबा कुरआन अकेडमी के सहयोग से ‘‘चर्चा-ए-गोश्तखोरी’’ नामी किताब का विमोचन जामितुस्सादा के संचालक मौलाना इरफान कासमी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उमर कैरानवी ने की। इस अवसर पर पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए उमर कैरानवी ने बताया कि यह पुस्तक हिंदू-मुस्लिमों के बीच हो रही गोश्तखोरी के सम्बंध में विभिन्न भ्रांतियों को दूर करेगी विशेष रूप से उक्त पुस्तक में आर्यसमाजी विद्वानों के प्राकृतिक, नैतिक और स्वाभाविक प्रश्नों के दिलचस्प जवाब दिए गए हैं। इस अवसर पर मौलाना आबिद रशीदी ने कहा कि कैराना की ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत समय बाद एक ऐसी पुस्तक का विमोचन किया जा रहा है जो इस विषय पर बेहद कामयाब रहेगा। यह हम सबके लिए बडे गर्व की बात है।
इस अवसर पर मौलाना मौज्जम, मौलाना हुसैन, मौलाना अरशद, समाज सेवी मुस्तकीम रामडा, मुम्बई से पधारे रेक्स रेमेडीज के मुहम्मद तोसीफ, चैधरी शराफत हुसैन आदि ने भाग लिया।
इस अवसर पर मौलाना मौज्जम, मौलाना हुसैन, मौलाना अरशद, समाज सेवी मुस्तकीम रामडा, मुम्बई से पधारे रेक्स रेमेडीज के मुहम्मद तोसीफ, चैधरी शराफत हुसैन आदि ने भाग लिया।
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पुस्तक उर्दू और हिंदी में ऑनलाइन उपलब्ध है ।
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idhar ye urdu men he
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