मुहम्मद उमर कैरानवी: Paighmber muhammad पैग़म्बर मुहम्मद सल्ल. की शादियों पर एक दृष्टि

Tuesday, May 19, 2020

Paighmber muhammad पैग़म्बर मुहम्मद सल्ल. की शादियों पर एक दृष्टि

अगर आप पैग़म्बर मुहम्मद की तमाम शादियों का जायजा लें तो आपको मालूम होगा कि यह शादियां या तो समाजिक सुधार के लिए की गयीं थी या सियासी वजहों से,अपनी खाहिश की तस्‍कीन के लिए यह शादियां हरगिज नहीं की गयी थीं।

आपने पहला निकाह 25 की उम्र में 40 साल की विधवा हज़रत खदीजा से किया,जिस ज़माने में विधवा विवाह बहुत अधिक बुरा माना जाता था। हज़रत ख़दीजा इस्लाम धर्म स्वीकार करनेवाली पहली महिला हुई।
 25 साल उनके मरने तक आपकी उम्र 50 साल हो गयी तब भी आपने दूसरा निकाह न किया,
तमाम निकाह 53 से 56 में किए गये,, अगर शादियों की वजह से सेक्‍स होता तो जिन्‍दगी के आखरी सालों में यह खाहिश न जागती, चिकित्‍सा विज्ञान भी यही कहता है कि उम्र बढने के साथ सेक्‍स की खाहिश घटती जाती है
2 बिवियों के अलावा सबी  की उमरें 36 और 50 के बीच थीं,

दूसरा निकाह आपकी पसंद का केवल हजरत आयशा से है बाकी तमाम हालात के पेशे नजर हैं तब एक राष्ट्र नायक भी बन चुके थे, सियासी और समाजी सुधार के लिए किए गये थे जैसे:

हजरत जवेरिया के कबीले के साथ मुसलमानों के ताल्‍लुक बहुत खराब थे, उन्‍हें हराया गया और हज़रत जवेरिया से निकाह कर लिया गया तो उन्‍होंने तमाम मुसलमान कैदियों के यह कह कर रिहा कर दिया कि हम अपने दामाद के रिश्‍तेदारों को किस तरह कैद रख सकते हैं,,, इस वाकिए से इस कबीले के तालुक मुसलमानों के साथ बहुत अच्‍छे हो गये।

हजरत मैमूना ऐसे कबीले की थीं जिसने 70 मुसलमानों को शहीद कर दिया था, इन से शादी करने से सारा कबीले ने मुहम्‍मद साहब को अपना रहनुमा मान लिया

हजरत उम्‍म हबीबा मक्‍का के सरदार अबू सुफयान की बेटी थी लिहाजा जाहिर है इस निकाह ने फतह मक्‍का के हवाले से अहम किरदार अदा किया

हजरत जैनब से निका यह गलत तस्‍ववुर खतम करने के लिये की गई कि गोद लिया हुआ असल बेटे की तरह होता है और उसकी विधवा से शादी नहीं हो सकती।

हजरत आयशा
आपके दोस्‍त अबु बकर की बेटी थीं हदीस के मुताबिक उन्‍होंने 6 साल की उम्र में आपसे सगाई कर दी थी,,, (रूकैया मक्‍सूद, मौलाना हबीबुर रहमान कांधलवी और कई मशहूर आलिमों का अपनी दलीलों से कहना है उनकी उम्र विवाह के समय 19 साल थी),,,, फिर 3 साल बाद आपके साथ शादी हुई,,, इस शादी से मुसलमानों के लिए यह मिसाल भी बनती है कि अगर 9 साल की लडकी कि किन्‍हीं कारणों से शादी करनी पडे तो की जा सके,, आपको मुसलामनों के लिए नमूना बनाया गया आपके हर अमल की मुसलमान नकल करने का पाबंद है, आप दोनों की शादी शुदा जिंदगी मिसाली साबित हुई,,
हदीसों यानि याददाश्‍तों का अधिकतर हिस्‍सा यानि 2210 हदीस हजरत आयशा की याददाश्‍त से ली गयी हैं

पिता अपनी 6 साल की  बेटी हजरत आयशा रजी. का निकाह(रुख़्सती, विदाई नहीं) सबसे सच्चा और अच्छा पति समझते हुए अपने दोस्‍त पेगम्‍बर मुहम्‍मद सल्‍ल. से करते हैं,
4 साल के बाद 10 साल की आयु में अर्थात 9 साल 7 महीने की उमर में रुख़्सती(कुछ इसे 19 की उम्र बताते है) होती है,,
18 साल की उम्र में 9 साल  साथ रहने के बाद पति मुहम्‍मद सल्‍ल देहांत हो जाता है।

हज़रत आइशा-अल्लाह उनसे खुश रहे
18 या 28 साल की उम्र में अकेली होने से 66 छियासठ साल की उम्र में निधन होने तक क्‍या करती रहीं?
48 साल तक क्‍या किया? 
बेशक इस्लाम को मज़बूत करती रहीं,  क़ुरआन और अपने 
आदर्श पति की शिक्षाओं को फैलती रहीं।
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تحقیق عمرِ عائشہ
تحریر مولانا حبیب الرحمان صدیقی کاندھالوی
Hazrat Ayesha By Maulana Habibur Rahman S Kandhlavi
https://archive.org/details/TehqeeqEUmarEHazratAyeshaByMaulanaHabiburRahmanSiddiquiKandhlavi
Full text of "Aishah - A study of her age at the time of her marriage with Prophet Muhammad"
https://archive.org/details/AishahAStudyOfHerAgeAtTheTimeOfHerMarriageWithProphetMuhammad
Review of "Hazrat A’ishah Saddiqah (R.A.A.) – A study of her age at the time of her marriage" by Ruqaiyyah Waris Maqsood
https://www.mohammedamin.com/Reviews/Age-of-Aishah.html

इस्लाम, मुहम्‍मद और कुरआन पर महापुरूषों के विचार-islam-quran-comments-non-muslims

http://islaminhindi.blogspot.com/2009/12/islam-quran-comments-non-muslims.html


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