मुहम्मद उमर कैरानवी: सिल्विया रोमानो ने इस्लाम को जाना समझा अपहरणकर्ताओं की कैद में

Wednesday, May 27, 2020

सिल्विया रोमानो ने इस्लाम को जाना समझा अपहरणकर्ताओं की कैद में

कोरोना के कारण लोकडाउन में दुनिया परेशान है तो इन्हीं दिनों में अपहरण कर्ताओं की क़ैद से इसाई मिशनरी की सहायक लड़की के मुसलमान बनने से हैरान भी हैं।
रोम: इटली में अल-शबाब आतंकवादी समूह से जुड़े सोमाली आतंकवादियों द्वारा सोमालिया, पूर्वी अफ्रीका में 18 महीने तक बंदी बनाए रखने के बाद रोम लौट आईं एक सहायता कर्मी सिल्विया रोमानो की छुटने की खुशी मनाई गयी, आने पर इटली के प्रधानमंत्री ने भी स्वागत किया।

तुर्की के सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, 18 महीने क़ैद में गुज़ार चुकी 25 वर्षीय, सिल्विया रोमानो, जिसने प्रेसवार्ता में कहा कि उसने क़ुरआन में पढ़ने के बाद इस्लाम में धर्मांतरण किया था को तुर्की की एमआईटी खुफिया एजेंसी और इतालवी और सोमाली सरकार के अधिकारियों के संयुक्त प्रयास के बाद बचाया गया था।

रोमानो को नवंबर 2018 में केनिया से अपहरण किया गया था वहां वो इसाई मिशनरी की तरफ से खेल के माध्यम से अनाथों को शिक्षित करने में मदद करती थी। सोमालिया ले जाया गया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग 34 करोड़ रुपए में इतालवी नागरिक को रिहा करवाये जाने पर
पूर्वे इतालवी प्रधानमंत्री के भाई सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने कहा:
"सिलविया के आने पर खुश हूं लेकिन उसको क़ैदियों जैसे लिबास (पर्दे, इस्लामी लिबास) में देखकर समझ नहीं पा रहा, ना समझ सकूंगा यह कैसे हुआ।"

इस्लामी लिबास में देखने के बाद किये गए प्रश्नों के उत्तर में
इस्लाम धर्म अपनाने का कारण मीडिया को ये बताया कि
कैद में मेरा वक़्त कट नहीं रहा था तब मैंने उनसे कुछ किताबें देने को कहा। उन्होंने किताबों का एक बंडल कमरे में रख दिया, दूसरी किताबों के साथ इस में अंग्रेज़ी भाषा में क़ुरआन भी था जिसे मैं पढ़ती रही और मेरे अन्दर परिवर्तन होता गया। कुछ महीनों के बाद मैंने अंतिम फ़ैसला कर लिया कि अब मुझे इस धर्म को अपना लेना चाहिए जिसके बारे में ये क़ुरआन तफ़सील से बताता है, यहां तक कि एक रोज़, मैंने अज़ान की आवाज़ सुनी तो उसने मेरे दिल की दुनिया ही बदल दी। अब मैं क़ुरआन के साथ नमाज़ भी पढ़ती हूँ, जिस से मुझे बहुत सुकून मिलता है, और अब मेरा नाम सिल्विया आयशा है।

उम अलमोमनीन हज़रत आईशा रज़ी अल्लाहू अन्हा के नाम पर सिल्विया से आईशा बनने पर इटली की दाएं बाज़ू की पार्टियां बहुत गुस्से में हैं और अपने ग़ुस्से का इज़हार कर रही हैं, दाएं बाज़ू की जमात की एक अहम रहनुमा साइमन ऐंगलो ने अपने ग़ुस्से का इज़हार इन अलफ़ाज़ में किया:
 "क्या किसी ने सुना है कि कोई यहूदी नाज़ियों के क़बज़े में रहा हो और बड़ी मशक़्क़त के बाद उस को क़ैद से रिहा कराया गया हो, और वो यहूदी, यहूदियत छोड़कर के नाज़ी लिबास पहन कर के आया हो और उस का सरकारी सम्मान किया गया हो?'
एक दूसरे सियासतदां मासीमो ने अपने फेसबुक वाल पर ये तबसरे किया '
"क्या मैं सिल्विया रोमानो की रिहाई से ख़ुश हो सकता हूँ, हरगिज़ नहीं, हमें नहीं मालूम था कि हुकूमत मुल्क में एक मुस्लिम की संख्या बढ़ाने के लिए चालीस लाख यूरो की तावान फिरौती दे रही है"

इस्लाम क़बूल करने के बाद आईशा (सिल्विया रोमानो को जान से मारने की धमकीयां भी मिल रही हैं,14/ मई 2020 बरोज़ मंगल वे अपने घर के सेहन में टहल रही थी कि उनके घर के सामने धमाका हुआ और फिर उन को फ़ोन पर धमकी दी गई कि ये सिर्फ़ वार्निंग थी, नतीजा भुगतने से पहले अपना फ़ैसला बदल दो,
आईशा ने इसकी रिपोर्ट फ़ौरन पुलिस स्टेशन में दर्ज करा दी जिसके नतीजे में आईशा के घर के इर्द-गिर्द पुलिस तैनात कर दी गई है।
आईशा से जब इन धमकीयों के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था'
"इन धमकियों का हमें पहले दिन से अंदाज़ा था, और क़ुरआन पढ़ कर भी हमने यही सीखा कि इस्लाम लाने के बाद आज़माईशें तो आती ही हैं, में इन धमकीयों से बिलकुल घबराने वाली नहीं हूँ, में एक आक़िल बालिग़ लड़की हूँ, मैंने सोच समझ कर इस्लाम क़बूल किया है,और मेरे देश का क़ानून भी मुझे अपनी मर्ज़ी का फ़ैसला लेने की आज़ादी देता है ''

रोमनो ने सरकारी अधिकारियों से ये भी कहा, "सौभाग्य से मैं शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक हूं।" "मैं वास्तव में खुश हूं, और अब मैं सिर्फ अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं।"
सिल्विया रोमानो अर्थात सिल्विया आएशा अपने अपहरण करने वालों के व्यवहार की शिकायत नहीं की जबकि तुर्की सहित कई देशों मुसलमान एक मुस्लिम बहन के बदले में फिरौती लेने से नाराज़ हैं।
सोशल मीडिया चर्चा खूब चल रही है, किसी को Yvonne Ridley युवान रिडले जर्नालिस्ट
की याद आ रही है, जो 2001में 10 दिन की तालिबान की कैद में इस्‍लाम को समझ गयी थीं और इस्लाम कुबूल किया था।
इस में कोन जीता और कौन हारा, हम तो यही कहेंगे अल्लाह बहतर जानता है।
खुदा हाफिज
,,,,

Italian aid worker returns home after rescue from Somali militants
https://arab.news/bjsak
Silvia Romano accepts Islam; Becomes target of Italian far-right hate campaign
https://www.globalvillagespace.com/silvia-romano-accepts-islam-becomes-target-of-italian-far-right-hate-campaign/
سیلفیا رومانو سے عائشہ تك كا سفر
اطالوی خاتون نے اغوا کاروں کے حسنِ سلوک سے اسلام قبول کر لیا
https://alert.com.pk/archives/12134
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यावोन रिडले, यवोन रिडले ,युवान रिडले
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"इस्लामी विचारधारा से हारा यूरोपीय विस्तारवाद"
"आतिफ सुहैल सिद्दीक़ी"
पश्चिमी समाज मे जारी इस्लामी के विरुद्ध शीत युद्ध इस बात का घोतक है कि वैचारिक और बोद्धिक स्तर पर पश्चिमी सभ्यता इस्लामी विचारधारा के आगे धराशाई हो चुकी है, और हो भी क्यों ना? स्विस सांसद डेनियल स्ट्रिच जिन्होने स्विट्ज़र्लॅंड मे मस्जिदों पर प्रतिबंध लगाने के लिये स्विस संसद मे मुहिम छैड़ी वही डेनियल इस्लाम का अंगीकार कर अपने पाप का प्रायश्चित करने के लिये युरोप मे इस्लाम के प्रचारक बन बैठे हैं, यही हाल इस्लामी दुनिया के विरुद्ध यूरोपीय कूटनीति को दशा देने वाले मुराद विलफ़्रिड होफमान की है, होफमान इस्लाम से शत्रुता करते करते प्रेम करने लगे अंततः इस्लाम का ही अंगीकार कर बैठे, इस्लाम की शरण मे आ कर जर्मनी मे सब से बड़ा इस्लामी चहरा बन चुके हैं, पूरा यूरोप स्तब्ध है. एसी ही कुछ कहानी ब्रिटिश पत्रकार युआन रिडले की है, गई तो अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार पर एक रिपोर्ट तैयार करने, पर युवान पर अफ़ग़ानिस्तान मे इस्लाम का एसा जादू चला कि ब्रिटेन वापस आ कर इस्लाम की सेविका बन गईं, नग्नता की प्रतीक यूरोपीय सभ्यता मे सर से पेर तक हिजाब मे ढकी हुई युवान अब सेकड़ों ब्रिटिश महिलाओं को तालिबानी इस्लाम का ही पाठ पढ़ा रही हैं, इस्लाम का अगला शिकार बनी पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेर की ब्रिटिश ब्रॉडकॅसटर व पत्रकार साली सारा जेन बूथ. 2010 मे इस्लाम की शरण मे आ गईं. अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट के लकाइना माइक फ़्रीमान ने तो अमेरिका मे भूचाल ही मचा दिया, वह पहली एसी अमेरिकी माहिल बनीं जिन्हे अमेरिकन सरकार को ढके हुए चहरे के साथ ड्राइविंग लाइसेन्स जारी करना पड़ा, इस्लाम की शरण मे आने के पश्चात इस्लामी प्रतीकों को पूरी तरह अपनाने वाली लकाइना ने अपने धार्मिक अधिकारों के लिये अमेरिकी सरकार को न्यायपालिका मे चुनौती दी और हिजाब के साथ अपना ड्राइविंग लाइसेन्स लेने मे सफलता प्राप्त की. अब कोई भला बताए, कौन से तालिबान अमेरिका मे लकाइना को बुर्का पहन कर गाड़ी चलाने के लिये मजबूर कर रहे थे? इस्लाम के विरुद्ध युद्ध लड रहे पश्चिमी समाज और सरकार मे तो उस समय हताशा की लहर दौड़ गई जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन के सलाहकार तथा युनाइटेड स्टेट्स नैशनल सेक्यूरिटी काउन्सिल के पूर्व उप-निदेशक डा. रॉबर्ट डिक्सन करेन ने घोषणा करदी कि वह मन की शान्ती और एक सफल जीवन जीने के लिये इस्लाम की शरण मे जा रहे हैं. डिक्सन के इस्लाम कबूल करने से पश्चिमी मीडिया को लगने लगा कि अब तो इस्लाम वाइट हाउस मे भी विराजमान हो चुका है. एसे नामो की लिस्ट भरी पड़ी है, उदाहरणतः, स्टीवन दिमितरे जॉर्जियो, मार्क हॅन्सन, लेडी एवेलाइन कोब्बोल्ड, लीयपोल्ड वीएस, स्टीफन शवर्ट्ज़, कीथ मौरिस एलिसन, मरमेडूक पिक्थाल, जोनाथन ब्राउन, गेरी कार्ल, मेलकम दसवें इत्यादि एसे प्रभावशाली पश्चिमी मुस्लिमों की लिस्ट है जिन्होने पश्चिमी सभ्यता मे ही इस्लाम के बिल्कुल विपरीत परिस्थितियों मे आंखे खोलीं, कितने तो इनमे इस्लाम के सख्त विरोधी थे, पर इस्लाम की बोद्धिकता उनके सर चढ कर बोली.
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/saveindiacampaign/%E0%A4%AF-%E0%A4%B0-%E0%A4%AA-%E0%A4%95-%E0%A4%87%E0%A4%B8-%E0%A4%B2-%E0%A4%AE-%E0%A4%95-%E0%A4%B5-%E0%A4%B0-%E0%A4%A6-%E0%A4%A7-%E0%A4%AF-%E0%A4%A6-%E0%A4%A71/

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